क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन वर्चुअल मुद्रा होती है जिसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं होता है। 

क्रिप्टोकरेंसी पर्यावरण के बहुत ही ज्यादा हानिकारक हैं। 

क्या आप जानते है कि क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन दोनों पर्यावरण के प्रदूषण के महान कारण बन सकते हैं। 

क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन की माइनिंग प्रक्रिया में बहुत ज्यादा पर्यावरण को छती पहुंचती हैं। 

बिटकॉइन माइनिंग के दौरान बहुत अधिक मात्रा में बिजली का खपत होता हैं। 

हमारे देश में बिजली का एक श्रोत कोयले हैं जिसे जलाकर बिजली बनाया जाता हैं। 

कोयले को जलाने से बहुत अधिक मात्रा में कार्बनडाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन होता है जिसका सीधा प्रभाव पर्यावरण पर पड़ता हैं। 

बिटकॉइमाइनिंग में बहुत ज्यादा इलेक्ट्रिसिटी की जरूरत पड़ती हैं, इसके लिए बहुत ज्यादा कोयले को जलाने की जरूरत पड़ती हैं। 

भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर्यावरण के खतरों पर चिंतित है इसके लिए नियम और कानून बनाए जा रहे हैं। 

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