भारतीय रिजर्व बैंक ने digital currency पायलट प्रोजेक्ट मंगलवार को लॉन्च किया है इसके साथ ही digital currency से अर्थव्यवस्था और धन लेनदेन का तरीका के साथ-साथ भुगतान प्रणाली में भी परिवर्तन आएगा।
पहले जमाने में जहां वस्तु विनिमय का प्रचलन था लेनदेन के लिए वस्तुओं के आदान-प्रदान का उपयोग होता था समय के साथ उसकी जगह धातु की मुद्रा ने ले ली और फिर सिक्के ढाले जाने लगे।
इसके बाद कागजी मुद्रा का चलन आया आज विश्व के अधिकांश देशों में व्यापार और लेनदेन कागजी मुद्रा के जरिए ही होता है पर देश में जैसे-जैसे डिजिटलीकरण में तेजी आई है लोगों में डिजिटल मुद्रा अपनाने में स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है
डिजिटल मुद्रा का प्रचलन अभी बहुत कम देशों में है पर भारत इसके साथ आगे बढ़ने की तैयारी कर रहा है भारतीय रिजर्व बैंक digital currency पायलट प्रोजेक्ट रूपी के साथ आगे बढ़ने की तैयारी कर रहा है
सीबीडीसी (CBDC) सेंट्रल बैंक digital currency क्या है
digital currency क्रिप्टोकरेंसी नहीं है यह बिल्कुल अलग है। सेंट्रल बैंक द्वारा जारी डिजिटल करेंसी, डिजिटल फॉर्म में या इलेक्ट्रिक फॉर्म में मौजूद कांटेक्टलेस ट्रांजैक्शन में इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि यह सेंट्रल बैंक के द्वारा जारी किया गया करेंसी है इसलिए यह बिल्कुल बैद्य करेंसी है इसका इस्तेमाल सभी जगह किया जा सकता है
डिजिटल मुद्रा का मूल्य मौजूदा कागजी मुद्रा के मूल्य के बराबर ही होगा अगर आपके पास ₹500 की कागजी मुद्रा है तो उसका मूल्य डिजिटल मुद्रा में भी 500 रूपी ही होगा यह मुद्रा का क्यूआरकोड और एसएमएस स्ट्रिंग पर आधारित है।
आरबीआई का मानना है कि सीबीडीसी के उपयोग से डिजिटल रुपया पायलट प्रोजेक्ट को बढ़ावा मिलेगा और डिजिटल या कैशलेस भुगतान में बदलाव आएगा digital currency प्रणाली भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत और कुशल बनाएगी।
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क्रिप्टोकरेंसी और digital currency में क्या अंतर है
क्रिप्टोकरेंसी और digital currency में बहुत फर्क है जहां क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए कोई बैंक या अन्य संस्थान नहीं है और ना ही सरकार इस पर निगरानी रख सकती है यह पूरी तरह से स्वतंत्र करेंसी है बल्कि डिजिटल रुपया का विचार भले ही क्रिप्टोकरेंसी से लिया गया है पर यह आभासी मुद्रा और क्रिप्टो परिसंपत्ति से अलग है क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी कोई वैध मुद्रा नहीं है
जबकि डिजिटल रूपी पूरी तरह से वैध मुद्रा है इसे सरकार से मंजूरी मिली हुई है क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में उतार-चढ़ाव आता रहता है जबकि डिजिटल रुपया के साथ उतार चढाब नहीं होगा। डिजिटल रुपया से उपयोगकर्ता देश में और देश के बाहर दोनों जगह लेनदेन कर सकते हैं इसके लिए वह पूरी तरह स्वतंत्र हैं
डिजिटल रुपया कितने प्रकार की है
सीबीडीसी यानी डिजिटल रुपया दो प्रकार की है इसे आरबीआई ने 2 श्रेणियों में बांटा है
CBDC-W होलसेल सीबीडीसी
CBDC-R रिटेल सीबीडीसी
CBDC-W होलसेल सीबीडीसी का उपयोग होलसेल सिग्मेंट की मुद्रा के तौर पर किया जा सकेगा सीबीडीसी होलसेल का इस्तेमाल बड़े संस्थान जैसे बैंक और गैर वित्तीय संस्थानों द्वारा सरकारी सेटलमेंट कार्यों के लिए की जाएगी।
CBDC-R रिटेल सीबीडीसी का उपयोग रिटेल सिग्मेंट की मुद्रा की तौर पर किया जा सकेगा उसका उपयोग आम लोगों द्वारा की जाएगी। जैसे कोई भी सामान खरीदने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
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डिजिटल रूपी के फायदे
डिजिटल मुद्रा के लाभ
डिजिटल रुपी के एक नहीं बल्कि अनेक लाभ हैं
- डिजिटल रुपी से ना केवल नगदी पर निर्भरता कम होगी बल्कि सीबीडीसी कहीं अधिक मजबूत,कुशल,विश्वसनीय,विनियमित और वैध भुगतान का विकल्प तैयार करेगी।
- देशभर में सीबीडीसी पूरी तरह आने के बाद सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि लोगों को अपने पास नकदी रखने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी या लगभग ना के बराबर पड़ेगी
- सीबीडीसी के आने से सरकार के साथ आम लोगों व व्यवसाय के लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। और सरकार के सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाली लेनदेन तक पहुंच हो जाएगी इस प्रकार देश में आने वाले और बाहर भेजे जाने वाले धन पर ज्यादा नियंत्रण होगा।
- सीबीडीसी के आने से नकली करेंसी की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा
- डिजिटल रूपी जारी होने के बाद हमेशा बनी रहेगी और यह कभी खराब नहीं होगी और इसे आप आसानी से बैंक मनी और नकदी में बदल भी सकेंगे
डिजिटल रुपया कितना सुरक्षित है
किसी दूसरे प्रकार की डिजिटल लेनदेन की तुलना मे CBDC अधिक सुरक्षित है क्योंकि यह ब्लॉकचैन तकनीक पर आधारित है। और इसे हैक करना बहुत मुश्किल है डिजिटल रुपया ब्लॉकचैन तकनीक पर काम करती है इसलिए इसमे डिजिटल रुपया तेज गति से भुगतान होता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
CBDC:- डिजिटल रूपी का उपयोग की अनुमति किस किस के पास है
आरबीआई के अनुसार होलसेल सिग्मेंट पायलट प्रोजेक्ट का उपयोग की अनुमति 9 बैंको को दी है भारतीय रिजर्व बैंक ने जिन 9 बैंक को अनुमति दी है उनमे सामील है यूनियन बैंक ऑफ इंडिया,भारतीय स्टेट बैंक,बैंक ऑफ बड़ौदा,HDFC बैंक,आईसीआईसीआई बैंक,कोटक महिंद्रा बैंक,यस बैंक,आईडीएफसी फर्स्ट बैंक,एचएसबीसी बैंक
डिजिटल करेंसी क्या है?
डिजिटल करेंसी भुगतान का डिजिटल तरीका है यह डिजिटल फॉर्म में या इलेक्ट्रिक फॉर्म में मौजूद कांटेक्टलेस ट्रांजैक्शन में इस्तेमाल किया जा सकता है यह ब्लॉकचैन तकनीक का इस्तेमाल करता है इसलिए यह सबसे तेज और सरल है